करंट अफेयर्स प्रश्नावली 2021,Gk Today Current Affairs In Hindi
केंद्र सरकार ने चंडीखोल (4
एमएमटी) और पादुर (2.5 एमएमटी) में 6.5 एमएमटी की कुल क्षमता रिजर्व के साथ पीपीपी
मॉडल के तहत दो अतिरिक्त वाणिज्यिक और रणनीतिक भूमिगत रिजर्व सुविधाओं की स्थापना
को मंजूरी दी है, सरकार
ने बजट 2021-22 में इसके लिए 210 करोड़ की राशि आवंटित की थी। इससे भारत की
रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व क्षमता बढ़कर 11.83 एमएमटी हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि वैश्विक
कच्चे तेल की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट के साथ, भारत देश के भीतर और विदेशों में भी अपने तेल रिजर्व को
सक्रिय रूप से बढ़ा रहा है। पिछले वर्ष भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत
द्वारा अमरीकी धरती पर पेट्रोलियम रिजर्व स्थापित करने पर चर्चा के लिए समझौता
ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व
क्या होते हैं?
रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व
कच्चे तेल से संबंधित किसी भी संकट जैसे प्राकृतिक आपदाओं, युद्ध या अन्य आपदाओं के दौरान आपूर्ति में व्यवधान से
निपटने के लिये कच्चे तेल के विशाल रिजर्व होते हैं। पहली बार तेल के संकट के बाद
रणनीतिक रिजर्व की इस अवधारणा को वर्ष 1973 में अमेरिका में लाया गया था।
पृथ्वी की सतह के नीचे गहरी
गुफाओं में रिजर्व की अवधारणा को पारंपरिक रूप से एक ऊर्जा सुरक्षा उपाय के रूप
में लाया गया है जो भविष्य में हमले या आक्रमण के कारण तेल की आपूर्ति में कमी आने
पर सहायक हो सकती हैं।
ये भूमिगत रिजर्व,
पेट्रोलियम उत्पादों के रिजर्व आर्थिक दृष्टि से उपयुक्त
होते हैं, क्योंकि
भूमिगत सुविधाओं में भूमि की आवश्यकता सीमित होती है, इससे कम वाष्पीकरण होता है, चूँकि गुफाओं का निर्माण समुद्र तल से बहुत नीचे किया जाता
है, इसलिये कच्चे तेल का
निर्वहन जहाज़ो से करना आसान होता है।
भारत में रणनीतिक पेट्रोलियम
रिजर्व
भारत में वर्तमान में कच्चे तेल का रिजर्व विशाखापत्तनम (1.33 एमएमटी), मैंगलोर (1.5 एमएमटी) और पादुर (2.5 एमएमटी) जैसे तीन भूमिगत स्थानों पर है। ये रिजर्व भारत के पूर्वी और पश्चिमी तट पर स्थित हैं और रिफाइनरियों के लिए आसानी से उपलब्ध हैं। 2017-18 के बजट में, तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि बीकानेर, राजस्थान और चंडीखोल, ओडिशा में दो और पेट्रोलियम रिजर्व स्थापित किए जाएंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी डिजिटल मुद्रा जारी करने पर विचार कर रहा है। उल्लेखनीय है कि अमरीकी संघीय बैंक, यूरोपियन संघ एवं चीन आदि अपने केन्द्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा (CBDCs) लांच करने की दिशा में काम कर रहे हैं। पिछले वर्ष बहामास ने विश्व की पहली CBDC लांच की थी।
केन्द्रीय बैंक की डिजिटल
मुद्राओं (CBDCs) के बारे में
- CBDCs डिजिटल रूप में रखी हुई मुद्रा होगी, जो एक प्रकार की फिएट मुद्रा ही होगी, जिसके लेनदेन पर केन्द्रीय बैंक द्वारा निगरानी रखी जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि फ़िएट मुद्रा सरकार द्वारा जारी की गई मुद्रा होती है, जिसका अपना कोई मूल्य नहीं होता लेकिन इसका मूल्य सरकारी नियमों से निर्धारित होता है। यह सोने या चांदी जैसी वस्तुओं द्वारा समर्थित नहीं है। जैसे सिक्के, नोट आदि फ़िएट मुद्रा के प्रकार हैं
- पिछले कुछ समय में निजी डिजिटल मुद्राओं (क्रिप्टोकरेंसी) की मांग में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है, जो विनियमित नही है। इसे देखते हुए केन्द्रीय बैंक एक विनियमित डिजिटल मुद्रा जारी करना चाहते हैं, जो लोगों को निजी क्रिप्टोकरेंसी का विकल्प उपलब्ध करायेगी।
- आलोचकों के अनुसार लोगों ने निजी क्रिप्टोकरेंसी को इसलिए चुना क्योंकि केन्द्रीय बैंकों द्वारा जारी मुद्रा में उनका विश्वास कम हुआ है, क्योंकि इसकी आपूर्ति बहुत अधिक है जबकि क्रिप्टोकरेंसी की आपूर्ति सीमित रखी जाती है।
- डिजिटल मुद्रा को ट्रेक करना, लेनदेनों पर निगरानी रखना आसान होगा। मुद्रा को छापने, परिवहन आदि की लागत कम होगी।
- CBDCs के लोकप्रिय होने पर लोग बैंकों से अपनी जमाएँ निकाल सकते हैं, (बैंक रन की स्थिति) यह बैंकों के व्यवसाय, उनके ऋण देने की क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। (बैंक रन (Bank Run) एक ऐसी स्थिति है जब बैंक के बड़ी संख्या में ग्राहक एक साथ अपनी जमा राशि निकाल लेते हैं।
- केन्द्रीय बैंक किसी व्यक्ति द्वारा CBDCs को रखने पर ऊपरी सीमा लगा सकता है।
- बैंक रन के कारण बैंकों की ऋण देने की क्षमता में कमी से निपटने के लिए केन्द्रीय बैंक पहले कुछ समय के लिए बैंकों के कैश रिजर्व को बनाने में उनकी मदद कर सकते हैं, बाद में जब ज्यादा मात्रा में CBDCs का इस्तेमाल बढ़ जायेगा, तब CBDCs बैंकों के कैश रिजर्व को प्रतिस्थापित कर सकते हैं।
डेली करंट अफेयर्स 2021
भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र
सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता
1 अगस्त से अगले एक महीने के
लिए भारत, संयुक्त
राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के अध्यक्ष पद को संभालेगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के
स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमुर्ति के अनुसार भारत इस दौरान समुद्री सुरक्षा,
शांति स्थापना और आतंकवाद पर लगाम लगाने जैसे प्रयासों पर
ध्यान केंद्रित करेगा।
उल्लेखनीय है कि हर माह,
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष पद के लिए,
इसके 15 सदस्य राज्यों (5 स्थायी, 10 गैर-स्थायी) में से किसी एक देश को चुना जाता है। इसके
आधार पर, भारत के
2021 के अगस्त महीने में और फिर वर्ष 2022 में एक महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र
सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता होगी। Meer
अध्यक्ष के रूप में भारत के
आगामी कार्य
- 9 अगस्त को भारत, समुद्री सुरक्षा पर करेगा। वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता
- अध्यक्ष के तौर पर अगस्त के अंत में भारत वैश्विक शांति और सुरक्षा के समक्ष आतंकवाद द्वारा उत्पन्न खतरे पर एक मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित करेगा।
- भारत, आतंकवाद के वित्त पोषण से निपटने के प्रयासों के तहत, संयुक्त राष्ट्र एवं FATF के बीच सामन्जस्य बढ़ाने पर भी ध्यान देगा।
- तकनीक एवं शांति स्थापना पर एक मंत्रिस्तरीय वार्ता 18 अगस्त को आयोजित की जाएगी।
- शांति सेना के सदस्यों की सहायता हेतु एक मोबाइल एप UNITE AWARE' भी लांच की जा सकती है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बारे में
- यह संयुक्त राष्ट्र संघ का सबसे प्रमुख अंग है, जो कि अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए जिम्मेवार है। यह अंतर्राष्ट्रीय शान्ति मिशनों, प्रतिबंधों तथा सैन्य कार्यवाही के सम्बन्ध में निर्णय लेती है। इसमें 5 स्थाई सदस्य एवं 10 अस्थाई सदस्य (2 वर्षों के लिए) हैं।
- 5 स्थाई सदस्यों को किसी भी प्रस्ताव को पारित होने से रोकने के लिए वीटो मिला हुआ है, अर्थात कोई प्रस्ताव तभी पारित हो सकता है, जब सभी 5 स्थाई सदस्य एकमत हो। 5 स्थायी सदस्य: संयुक्त राज्य अमरीका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन एवं चीन।
पीवी सिंधु ने कांस्य पदक
जीता
भारतीय महिला बैडमिंटन
खिलाड़ी पीवी सिंधु ने कांस्य पदक मुकाबले में चीन की बिंग जियाओ को 21-13 और
21-15 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया है। इसी के साथ पीवी सिंधु ओलिंपिक खेलों में
एक से अधिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। यह सिंधु का
दूसरा 'ओलिंपिक पदक
है, इससे पहले उन्होंने रियो
ओलिंपिक, 2016 में
रजत पदक जीता था। में सेमीफाइनल मैच में सिंधु चीनी ताइपे की ताई जू से हारकर
स्वर्ण/रजत पदक की दौड़ से बाहर हो गई थी।
साइरस पूनावाला को प्रतिष्ठित
राष्ट्रीय लोकमान्य तिलक पुरस्कार दिया जायेगा
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया,
पुणे के संस्थापक, व्यवसायी साइरस पूनावाला को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय लोकमान्य
तिलक पुरस्कार 2021 का विजेता नामित किया गया है। उल्लेखनीय है कि सीरम
इंस्टिट्यूट भारत में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजैनेका द्वारा विकसित वैक्सीन (AZD1222) के इंडियन वेरिएंट कोविशील्ड का विनिर्माण कर रही है।
कोविड 19 महामारी के दौरान कंपनी के काम की सराहना की गई है। कंपनी ने कोविशील्ड
वैक्सीन बनाकर और फिर देश के नागरिकों को सस्ती कीमत पर दवा उपलब्ध कराकर कई लोगों
की जान बचाने में मदद की है।
सूचना प्रोद्योगिकी कानून का 'सेक्शन 66 A'
एक एनजीओ पीपल्स यूनियन ऑफ़
सिविल लिबर्टीज (PUCL) के
द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यों से पूछा है
कि वर्ष 2015 में आईटी कानून के सेक्शन 66A को असंवैधानिक घोषित करने के बावजूद विभिन्न राज्यों में
पुलिस द्वारा अभी भी इस सेक्शन के तहत एफआईआर क्यों दर्ज की जा रही है। उल्लेखनीय
है कि पिछले दिनों केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को सूचना प्रोद्योगिकी कानून,
2000 के सेक्शन 664 के तहत दर्ज किये गये मामलों को तुरंत
प्रभाव से वापस लेने के लिए कहा था।
सेक्शन 66A
सूचना संबंधी अपराधों से संबंधित है,
जिसमें कंप्यूटर संसाधन या संचार उपकरण के माध्यम से कोई भी
अपमानजनक या अवैध एवं खतरनाक सूचना भेजना एक दंडनीय अपराध है। इसमें दोषी को 3
वर्ष तक की सजा का प्रावधान भी किया गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने मार्च 2015 में
श्रेया सिंघल वाद में निर्णय देते हुए आईटी कानून के सेक्शन 66A
को असंवैधानिक एवं स्वतंत्र अभिव्यक्ति का उल्लंघन माना था।
कानून की छात्रा श्रेया सिंघल
ने पहली बार वर्ष 2012 में महाराष्ट्र के ठाणे जिले के पालघर में सोशल मीडिया
पोस्ट को लेकर दो लड़कियों- शाहीन ढाडा और रिनू श्रीनिवासन को गिरफ्तार किए जाने
के बाद कानून के सेक्शन 66A में संशोधन के लिए इस मुद्दे पर जनहित याचिका दायर की थी।
शाहीन और रिनू ने शिवसेना नेता बाल ठाकरे के निधन के मद्देनजर मुंबई में बंद के
खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था।
'ई-रुपी'
- प्रधानमंत्री मोदी ने 2 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'ई-रुपी' को लॉन्च किया जो व्यक्ति विशिष्ट और उद्देश्य विशिष्ट वाउचर बेस्ड डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन है।
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि 'ई-रुपी' वाउचर देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन में डीबीटी को और भी अधिक प्रभावकारी बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा एवं डिजिटल गवर्मेंस को एक नया आयाम देगा। इससे लक्षित, पारदर्शी और लीकेज मुक्त वितरण में सभी को बड़ी मदद मिलेगी
ई-रुपी के बारे में
यह एक वाउचर बेस्ड डिजिटल पेमेंट सिस्टम है। इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अपने UPI प्लेटफॉर्म पर विकसित किया है। इसमें सहयोगी बैंकों द्वारा वाउचर जारी किये जायेंगे। सरकारें, कॉर्पोरेट्स, संगठन इन बैंकों के पास विशिष्ट उद्देश्य के साथ लाभार्थियों की सूची लेकर जायेंगे, इसके बाद बैंकों द्वारा उन व्यक्ति विशेष के नाम पर ई-वाउचर जारी किये जायेंगे, जो उन्हें उनके मोबाइल फोन पर मैसेज स्ट्रिंग या क्यूआर कोड के रूप में भेजे जायेंगे।
इसके बाद लाभार्थियों द्वारा
इन वाउचर को उस उद्देश्य विशिष्ट (किसी योजना के तहत नकद भुगतान ) के लिए भुनाया
जा सकेगा सिस्टम प्री-पेड प्रकृति का है और इसलिये किसी भी मध्यस्थ के बिना सेवा
प्रदाता को बिना देरी के भुगतान का आश्वासन देता है।
इससे यह सुनिश्चित होगा कि धन
का उपयोग उस काम के लिए ही किया गया है, जिसके लिए रकम दी गई थी। वर्तमान में विद्यमान अन्य डिजिटल
पेमेंट प्रणालियों से यह इसी कारण भिन्न भी है। इसका उपयोग आयुष्मान भारत
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, उर्वरक सब्सिडी और टीबी उन्मूलन कार्यक्रम जैसी योजनाओं के
तहत लाभार्थियों को लाभ प्रदान किया जायेगा।
vision ias daily current affairs
म्यांमार सेना ने आपातकाल को
दो साल के लिए बढ़ाया
फ़रवरी 2021 में तख्तापलट करने
के बाद म्यांमार की सेना ने अब राष्ट्रीय आपातकाल को दो साल के लिए बढ़ा दिया है।
सैन्य जनरल के बयान के अनुसार देश में वर्ष 2023 के बाद चुनाव आयोजित कराये
जायेंगे।
1 फरवरी 2021 की सुबह, म्यांमार की सेना ने देश की नवनिर्वाचित संसद की निर्धारित बैठक से ठीक पहले तख्तापलट करके सत्ता हथियाकर म्यांमार में 1 वर्ष के लिए आपातकाल की घोषणा कर दी थी। नवंबर, 2020 के संसदीय चुनावों में एकतरफा जीत हासिल करने वाले ‘दल, नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (NLD) की नेता आंग सान सू की को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
म्यांमार में जनता द्वारा
तख्तापलट और आपातकाल का विरोध किया जा रहा है। यूरोपीय संघ,
अमरीका सहित विश्व के कई बड़े देशों ने सेना और अन्य सभी
दलों से लोकतांत्रिक मानदंडों और कानून का पालन करने तथा हिरासत में लिए गए लोगों
को रिहा करने के लिए कहा है। अमरीकी राष्ट्रपति जो बाईडेन ने म्यांमार के सैन्य
नेताओं पर प्रतिबंध भी लगा दिए हैं ताकि वे 1 बिलियन डॉलर के सरकारी धन तक न पहुँच
सकें।
म्यांमार की सेना ने तख्तापलट
के पीछे वजह बताई है कि नवंबर 2020 के संसदीय चुनावों में अनियमितताएँ हुई है,
अत: NLD की एकतरफा जीत वैध नही है। सेना ने म्यांमार के चुनाव आयोग,
नव निर्वाचित सरकार को चुनौती दी थी कि वे संसद की बैठक से
पहले यह साबित करें कि चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष हुए हैं,
लेकिन चुनाव आयोग ने कहा कि चुनावों में कहीं कोई गडबडी नही
हुई है, अत: सेना की
यह मांग ख़ारिज कर दी गई। इसके बाद म्यांमार सेना ने आपातकाल लगाने के संकेत दे
दिए थे। लेकिन सेना ने म्यांमार के संविधान के तहत कार्य करने की घोषणा भी की थी।
पर्यावरण,
समाज और प्रशासन (ESG)
रिपोर्टिंग
हाल ही में इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (इंडिगो) पर्यावरण, समाज और प्रशासन (Environment, Social And Governance: ESG) रिपोर्ट जारी करने वाली प्रथम भारतीय एयरलाइन्स कंपनी बन गई है।
पर्यावरण,
समाज और प्रशासन (ESG)
रिपोर्ट के बारे में
- यह कंपनी की गैर वित्तीय रिपोर्टिंग का हिस्सा है, जिसे संधारणीयता रिपोर्टिंग (Sustainability Reporting) भी कहा जाता है। इसमें किसी कंपनी द्वारा पर्यावरणीय, सामाजिक प्रभावों के बारे में विश्लेषण किया जाता है।
- यह रिपोर्टिंग कंपनी के समक्ष विद्यमान चुनौतियों और रों एवं उनके सम्बन्ध में कंपनी Services की रणनीतियों के बारे में पारदर्शिता लाती
- यूरोपीय संघ में 500 से अधिक कर्मचारियों वाली सभी कम्पनियों के लिए ESG रिपोर्टिंग करना अनिवार्य है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा जारी नये दिशानिर्देशों के अनुसार मार्केट कैप के अनुसार शीर्ष 1000 सूचीबद्ध कम्पनियों को वित्त वर्ष 2023 तक संधारणीयता से जुड़ी रिपोर्टिंग (Sustainability Related Reporting) प्रारम्भ करनी होगी।
ऑस्ट्रेलिया द्वारा भारतीय
प्राचीन कलाकृतियों को लौटाया जायेगा
ऑस्ट्रेलिया का नेशनल आर्ट
म्यूजियम भारत को 14 कलाकृतियाँ वापस लौटाएगा। इनमे से कुछ 12वीं शताब्दी की हैं
जो तमिलनाडु के चोल राजवंश से जुड़ी हैं। लौटाई जा रही मूर्तियों में बाल संत
सांबंदर की मूर्ति, राजस्थान
से ले जाई गई 11-12वीं सदी की मेहराबदार वेदिका पर आसन मुद्रा में बैठे जैन
तीर्थंकर की मूर्ति शामिल है।
चोल राज्य
प्राचीन काल में चोल राज्य
क्षेत्र पूर्वी प्रायद्वीप में पेन्नार-वेल्लारु नदियों के बीच स्थित था। इसकी
स्थापना विजयालय द्वारा की गई थी। इसकी राजधानी उरैयुर, कावेरीपट्टनम (पुहार) थी। राज्य का प्रतीक चिन्ह: बाघ ।
महत्वपूर्ण शासक: राजेन्द्र चोल, करिकाल।
आयुष 64
हाल ही में सरकार ने कहा है कि आयुर्वेदिक औषधि आयुष 64' मानव उपयोग के लिए सुरक्षित है। ध्यातव्य है कि आयुष मंत्रालय द्वारा 29 अप्रैल, 2021 को कोविड 19 के इलाज के लिए इसके उपयोग की घोषणा की गई थी।
आयुष 64 के बारे में
आयुष 64,
एक पॉलीहर्बल आयुर्वेदिक औषधि है, नैदानिक परीक्षणों में सामने आया है कि इसमें एंटीवायरल,
इम्यून मोडुलेटर और एंटीपायरेटिक गुण हैं तथा इसे कोविड- 19
के हल्के से लेकर मध्यम स्तर के संक्रमण के इलाज में बहुत उपयोगी पाया गया है।
‘आयुष 64'
को मूल रूप से मलेरिया के उपचार के लिए 1980 में विकसित
किया गया था और यह सभी नियामक संबंधी जरूरतों और गुणवत्ता एवं फार्माकोपियोअल
मानकों का अनुपालन करता है।
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