Acidity ka Gharelu ilaj / अम्लपित्त या एसिडिटी का आयुर्वेदिक उपचार | Acidity ka Ayurvedic upchar
Acidity ka ilaj – आज हम इस पोस्ट में एसिडिटी जैसे रोग के बारे में जानेंगे। अम्लता या
एसिडिटी का होना एक आम बात हो गयी है। पेट में जो भोजन पचाने वाला एसिड होता है।
अम्लपित्त या एसिडिटी अगर ज्यादा बढ़ जाय, तो पेट में दर्द, पेट में गैस, घबराहट का होना और साँस तेज गति से
चलाना आदि की शिकायत होने लगती है। अम्लपित्त में आपको पेट और सीने में जलन होती
है। और कभी कभी तो गले में भी जलन होती है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसे हम खुद ही बुलावा देते है।
Acidity ka Upchar – अनियमितता एक बड़ा कारन है, हमारी खराब जीवन शैली एसिडिटी का
स्वागत करती है। हमारा भोजन करना जैसे जरुरी है वैसे ही हमारे भोजन का पचना भी
अत्यंत जरुरी है। इस भाग दौड़ वाली जिंदगी में लोग अपनी सेहत का ख्याल नही रखते है।
यह बीमारी हर उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। एसिडिटी को “Gastroesophageal
Reflux Disease” or G.E.R.D भी कहा जाता है। पहले हम अम्लपित्त बढ़ने का कारन जानेंगे उसके बाद इस
रोग का आयुर्वेदि उपचार बताया जायेगा।
Causes Of Acidity in Hindi | एसिडिटी (अम्लता) होने का कारण
1. भोजन में अनियमितता होना भी एक कारण है।
2. भोजन आवश्यकता से अधिक या कम करने से।
3. अत्यधिक तली हुई या मिर्च मसाले वाले भोजन
से।
4. अत्यधिक टेंसन लेने से भी एसिडिटी हो सकता
है।
5. नास्ता नहीं करने से।
6. ज्यादा समय तक भूखा रहने पर।
7. शराब का अत्यधिक सेवन करने से।
8. नींद का पूरा ना होना भी एक कारन है।
9. ज्यादा मोटा होना भी एक कारन हो सकता है।
10. पानी का सेवन कम करने से।
11. समय पर भोजन न करना भी Acidity होने का एक कारण है।
12. ज्यादा कॉफ़ी और चाय का सेवन करने से।
13. बासी भोजन करने से भी एसिडिटी होता है।
14. अच्छे से ना पका हुआ भोजन करने से।
Acidity Symptoms in Hindi | एसिडिटी (अम्लता) होने के लक्षण | Acidity ke Lakshan
1. पेट में जलन का होना।
2. जी का मचलना भी एक लक्षण है।
3. सीने में जलन का एहसास होना।
4. साँस लेने में दिक्कत होना।
5. भोजन करने की इच्छा ना होना।
6. बार बार डकार का आना।
7. मुंह में खट्टे पानी का आना भी Acidity होने का लक्षण है।
8. पेट का फूलना।
Home Remedies for Acidity in Hindi | Acidity ka ilaj | एसिडिटी का उपचार |
1. Acidity
ka ilaj – तुलसी
का पत्ता सेवन करे। एसिडिटी या अम्लपित्त होने पर आप 4 तुलसी के पत्ते एक कप पानी
में डालकर उबालिये फिर इसमें शहद मिला लीजिये और थोड़ी थोड़ी देर बाद पीजिये।
2.
अस्वगंधा का - आप रोजाना सेवन करे। इससे आपकी अम्लपित्त की समस्या भी ठीक होगी और
आपकी भूख भी अच्छी होगी।
3. Acidity
ka ilaj – दालचीनी
भी आपके एसिडिटी की समस्या को ठीक कर सकती है। आप एक कप पानी में आधा चम्मच
दालचीनी पाउडर डालकर उसे उबले और पिये आपको आराम मिलेगा। आप चाहे तो सलाद और सूप
में दालचीनी पाउडर का इस्तेमाल कर सकते है।
4.
लौंग के इस्तेमाल - करने से आपकी एसिडिटी की समस्या दूर हो जाएगी। आप 2 लौंग को मुंह
में लेकर उसे चुसे। ऐसा करने से आपको अवश्य आराम मिलेगा।
5.
आप चाय और कॉफ़ी पीना बंद कर दे। और उसकी जगह आप नीबू पानी या हर्बल चाय पी सकते
है।
6. Acidity
ka ilaj – सौंफ
का रोज इस्तेमाल करे। इससे आपकी पाचन शक्ति बढेगी।
7.
लहसुन पेट से सम्बंधित बीमारियों को दूर करता है। लहसुन से कब्ज की समस्या भी दूर
होती है।
8.
जीरा एसिडिटी की समस्या को दूर करता है। जीरा पेट सम्बंधित रोगों को ठीक करता है।
आप जीरे को भुने और उसे पिस ले एक गिलास गुनगुना पानी में एक चम्मच जीरा पाउडर
मिला कर भोजन के बाद पिये आपको लाभ मिलेगा।
9. Acidity
ka ilaj – छाछ
एक अच्छा विकल्प है। आप छाछ का सेवन प्रतिदिन करे। आप चाहे तो छाछ में थोड़ी सी
काली मिर्च पाउडर, धनिया या मैथी पाउडर मिलाकर पिये आपको लाभ मिलेगा।
10.
अदरक का रस उसमे नीबू का रस और शहद मिलाकर पिये। इससे आपकी पेट में जलन की समस्या
दूर होगी।
11. “Home Remedies for Acidity“ – इलाइची के सेवन करना एक बेहतरीन उपाय है। इसलिए इलाइची का सेवन रोज करे। इससे आपकी सीने में जलन की समस्या दूर होगी और राहत मिलेगी।
12.
Acidity ka ilaj – आप केला का भी प्रयोग कर सकते है। चुकी केले में पोटेशियम और फाइबर
होता है। केला, पेट
में उत्पन्न होने वाले म्यूकस के हानिकारक परिणामो से बचाता है। आप केला का
प्रतिदिन सेवन करे आपको एसिडिटी या अम्लपित्त से राहत मिलेगी।
13.
पपीता में जो एंजाइम पाया जाता है, उसे पपेन कहा जाता है। पपीता आपकी
हाजमा शक्ति को मजबूत करता है। इसलिए भोजन के बाद आप पपीत का सेवन करे। इससे कब्ज
में भी राहत मिलती है।
14.
Acidity होने
पर आप प्रतिदिन शहद का उपयोग करे। सोने से पहले आप 2 चम्मच शहद खाये आपको लाभ
मिलेगा।
|धन्यवाद|
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